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पूरे देश में लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता देने वाले और न्याय को सुलभ बनाने के लिए लोक अदालत आयोजित करने वाले राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने अपनी स्थापना के 3 दशक पूरे कर लिए हैं. इस अवसर पर गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत ने समाज के सबसे गरीब और कमज़ोर तबके तक न्याय पहुंचाने के लिए अपना नजरिया लोगों के सामने रखा.

जस्टिस गवई NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, जबकि जस्टिस सूर्य कांत सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमिटी के अध्यक्ष हैं. दोनों जज आम नागरिकों के हित में कई फैसले देते रहे हैं. जस्टिस गवई के नेतृत्व में NALSA ने वृद्ध और बीमार कैदियों की रिहाई में सहायता, हिंसा प्रभावित मणिपुर समेत भारत के दूरदराज के इलाकों में कानूनी जागरूकता फैलाने और बड़े स्तर पर लोक अदालतों का आयोजन कर करोड़ों विवादों के निपटारे जैसे कदम उठाए हैं.

असहाय की सहायता का लक्ष्य

जस्टिस गवई ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को संवैधानिक और कानूनी अधिकार देना पर्याप्त नहीं है. उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना ज़रूरी है ताकि वह लाभ उठा सकें. NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि वह इसी लिए मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे सुदूर इलाकों में गए. उन्होंने बताया कि वृद्ध और गंभीर रूप से बीमार कैदियों की रिहाई के लिए NALSA ने अपनी तरफ से प्रयास करने के अलावा सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.

लोगों तक न्याय की पहुंच का प्रयास

जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि देश में न्याय का पैमाना यही है कि लोगों को अपने साथ अन्याय होने का डर न रहे. इसलिए, बड़े-बड़े कानूनों और विशाल कोर्ट परिसर से बात पूरी नहीं होगी. न्याय की पहुंच समाज के निचले तबके तक होनी चाहिए. कार्यक्रम को गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने भी संबोधित किया.

कलाकारों ने भी दिया योगदान

इस मौके पर लोका अदालत, बाल विवाह निषेध, कार्यस्थल पर यौन शोषण निरोधक कानून (POSH एक्ट) जैसे कई विषयों पर पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया. साथ ही इनके बारे में जानकारी देते हुए वीडियो भी जारी हुए. NALSA के 3 दशक के सफर के बारे में डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन हुआ. इन वीडियो के लिए पंकज त्रिपाठी, शिवाजी साटम, राजकुमार राव जैसे अभिनेताओं, बाइचुंग भूटिया और एम सी मैरीकॉम जैसे खिलाड़ियों और समाज सेवी प्रकाश आम्टे और श्याम सुंदर पालीवाल ने बिना कोई शुल्क लिए काम किया है.

कई नई योजनाएं शुरू

26 अप्रैल को हुए इस आयोजन में कुछ अहम नए पहल भी हुए. यह हैं :-

* जागृति – ग्रामीण स्तर तक न्याय के प्रति जागरूकता और सूचना पहुंचाने की योजना
* DAWN – ड्रग्स मुक्त भारत के लिए जागरूकता फैलाने की योजना
* संवाद (SAMVAD) – सामाजिक रूप से कमज़ोर वर्ग, आदिवासी और बंजारा लोगों तक न्याय की पहुंच मज़बूत करने की योजना

NALSA की नई वेबसाइट का उद्घाटन और जानकारियों को सुगम तरीके से पहुंचाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से काम करने वाले चैटबोट LESA (लीगल सर्विस असिस्टेंट) को शुरू करना भी इस कार्यक्रम का अहम हिस्सा रहे.

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